शिव पुराण - भौम जन्म | श्रीरुद्र संहिता - अध्याय 10
Description
“शिव पुराण के दसवें अध्याय ‘भोम्-जन्म’ में वर्णित कथा भगवान शिव के तप, समाधि, सती-वियोग, दिव्य शिशु ‘भोम्’ के जन्म और पृथ्वी माता द्वारा उसके पालन-पोषण की अद्भुत लीला को प्रकट करती है।
इस अध्याय में शिव के अत्यंत पावन यश, उनके ध्यान, असंख्य वर्षों की समाधि, उनके मस्तक से गिरे पसीने से बालक भोम् का प्रकट होना और फिर उस दिव्य बालक का काशी जाकर कठोर तपस्या से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का वर्णन है।
यह कथा शिव-भक्तों, पुराण प्रेमियों, हिंदू धर्मग्रंथों के पाठकों और अध्यात्म में रुचि रखने वालों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। भोम्-जन्म अध्याय शिव की करुणा, शक्ति और अनंत लीला का अनूठा उदाहरण है।”
भोम् जन्म कथा
शिव पुराण दसवां अध्याय
भोम् का जन्म कैसे हुआ
भगवान शिव और भोम्
शिव पुराण कथा हिंदी में
सती-वियोग के बाद शिव की कथा
शिव की समाधि की कहानी
पृथ्वी माता और भोम्
शिव के पसीने से जन्मा बालक
भोम् की तपस्या और काशी
भोम् दिव्यलोक कथा
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